श्रीक्षेत्र गोकर्ण के महाबलेश्वर मंदिर में विलम्बि नाम संवत्सर का शिवगंगा विवाह महोत्सव श्री संस्थान जी के मार्गसर्शन में आस्वीज कृष्ण चतुर्दशी के दिन वैभव से संपन्न हुआ।
श्रीक्षेत्र गोकर्ण के समुंदर किनारे, गोधूलि मुहूर्त के समय हजारों भक्तों की उपस्थिति में वधू के रूप धारण कर गंगामाता ने जगदीश्वर से विवाह के बंधन में बंध गई । समुंदर का शोर, ढोल, वेदघोष, विशिष्ट तोरण, जानपद गीत अदि ने इस उत्सव की शोभा बढायी । भक्त गण आरती करके देव-दंपती का स्वागत किया।
विवाह महोत्सव के बाद शिव और गंगामाता दोनों ने इस मंदिर के अमृतान्न भोजनशाला में आकर देवराजोपचार पूजा को स्वीकार किया। इसके पश्चात प्रसाद वितरण हुआ। उपाधिवंत पुरोहित मंडल के सदस्य, ग्रामीण लोग, सब जाति के समुदाय के लोगों ने इस विवाह महोत्सव में भाग लिया।
उस दिन शाम को श्रीक्षेत्र गोकर्ण के श्री महाबलेश्वर मंदिर में लघू-उद्यम के सचिव श्री एस. आर. श्रीनिवास जी से विशेष पूजा भगवान को समर्पित हुआ। मंदिर के प्रशासन अधिकारी श्री जी. के. हेगडे महोदय आत्मलिंग की प्रतिकृति को स्मारणिका के रूप में देकर, शाल ओढाकर मान्य सचिव महोदय का सम्मान किये । इस संदर्भ में श्री वेदमूर्ति गणेश भट्ट जम्भे जी ने सकल पूजा विधिविधान से पूजा की ।