हमारे आचार आदर्श दायक होना चाहिए। एक छोटा बच्चा अपनी मां से पूछा, “क्यूं तुम्हारे कुछ बाल सफेद हुए है ?” मां ने सोच कर बच्चे से कहा, “जब भी तुम कोई गलती करते हों तब एक एक बाल सफेद होता है|”
तब उस बच्चे ने बडी़ ही भोलापन से पुछा “नानी के सभी बाल जो सफेद हुए है वह तुम्हारी गलतीयों का कारण है क्या?”
तब मां को एहसास हुआ कि उन्होंने बच्चे को जो जवाब दिया वो सही नहीं है ।
छोटे बच्चे कच्ची दीवार जैसे है। जो भी उसमें चिपकेगा वो मजबूत हो जाती है । इसीलिए बच्चों के प्रश्न का उत्तर सोच समझकर देना है । और हमारे आचार उन्हें स्फूर्तिदायक होना चाहिए । आचार ही आदर्श है।
अनुवादक : प्रमोद मोहन हेगड़े