गौप्रेमियों का वार्षिक गो स्नेह सम्मेलन कार्यक्रम ‘गोसंंध्या’

गाय

कुमटा: श्री संस्थानाधीश्वर जी के दिग्दर्शन में चलनेवाली मूरूर के होसाड में स्थित अमृताधारा गोशाला में इस साल में भी गौप्रेमियों का वार्षिक गो स्नेह सम्मेलन कार्यक्रम ‘गोसंंध्या’ और ‘चांदनी भोज’ कार्यक्रम बहुत उत्साह से यशस्वी हुआ । इस साल गोसंंध्या कार्यक्रम को अधिक मात्रा में लोग आए थे।

 

अमृताधारा गोशाला में हर साल ‘गोविनत्त नम्म चित्त’ शीर्षक में गोसंध्या कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। पूरे दिन गायों के साथ बिताने की रूढी चल रही है।

 

लिंगैक्य परम पूज्य सिद्धगंगा स्वामीजी की दिव्य आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्हेंने श्रीरामचंद्रापुर मठ के साथ गोहत्या पर प्रतिबंध लगाया था ।

 

इस अवसर पर,अमृतधारा गोशाला की मानद अध्यक्षा श्रीमती भारती पाटिल ने सरकार का वार्षिक गोस्नेह सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि “ऐसे घने कानन में इतना बड़ा कार्यक्रम का संयोजन तथा यहाँ के कार्यकर्ताओं का श्रम गोप्रेम का प्रतीक है। ”

 

सभा के मुख्य अतिथि कुमटा होन्नावर विधानसभा के शासक
श्री दिनकर शेट्टि जी के सम्मुख गोशाला केलिए सडक निर्माण के बारे में विनंति पत्र दिया गया। विनंति पत्र स्वीकार करके उन्होंने कहा कि ” आपके ऋण मुझपर है, इसलिए गोसेवा के द्वारा आपके ऋण चुकाने की जिम्मेदारी मेरी है। “आगे उन्होंने कहा कि “गोशाला जाने के लिए सड़क बनवाने की कोशिश करूँगा।” उन्होंने कहा कि “सड़क को चौड़ा बनाकर एक नई सड़क बनावाना ही मेरा लक्ष्य है। सरकार से मिलनेवाले अनुदान सही तरह से शीघ्र में मिलवाने की कोशिश करूँगा। श्री संस्थानाधीश्वर जी के कृपा से ही मैं इस स्तर पर पहुँच गया हूँ। उनके शिष्य कहलाने में मुझे गर्व है। मैं हमेशा उनके साथ हूँ।”

संकल्प संस्था के संस्थापक श्री प्रमोद हेगड़े ने कहा कि “गाय मनुकुल के आरंभ से ही मानव की प्यारी थी। आर्यों भारतीयों की नागरिक विरासत में गाय के उपयोग का महत्व दिखाई देता है। गाय को भगवान और माँ के रूप में नियमित गतिविधियों से उपासना करने की संस्कृति बढ़ती गयी। भारतीय खाद्य संस्कृति में, दूध और दूध के उत्पादों का विशेष स्थान है, सम्मान है। इसलिए गाय की रक्षा करने की जिम्मेदारी हमारी है।”

 

उद्यमी और फिल्म निर्माता श्री सुब्राय वाल्के जी ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर थे कहा कि “यह सुनना बहुत दर्दनाक है कि गोशाला कर्ज में है। गो सेवा करना सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए हमें उनके साथ रहना चाहिए।” इसके साथ साथ उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एक लाख रुपये देने की घोषणा की।

 

कारवार के ‘पहरे वेदिके’ के अध्यक्ष श्री नागराज नायक बसगोड ने कहा कि “परमात्मा तक पहुँचने के लिए नागरिक जीवन में गोसुरक्षा और गोसेवा करने की आवश्यकता है। इससे देश सुभीक्ष बन जाएगा।”

गायों के साथ बच्चे

 

छोटे बच्चों की प्यारी है गाय। इसलिए यहाँ बच्चों को गायों के साथ खेलने का अवसर दिलाया गया। छोटे बडे बच्चे गायों के साथ खेलकर, चलकर खुशी से समय बिताए।

मंच पर दानियों का स्मरण

 

पिछले एक दशक से गौशाला के लिए तन मन और धन के रूप से सहकार देनेवाले दानियों को मंच पर सम्मान किया गया। इसके साथ गो उत्पन्न की स्मरणिका भी दिया गया।

गोपालकों को गौरव

 

होसाडा गौशाला में दिन रात काम करनेवाले सभी गोसेवकों को इस संदर्भ में अभिनंदन किया गया।

संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम

 

गो संध्या पर श्री सुधीर हेगड़े से बंसुरी वादन और कुमारी राम्या भट्ट से विशेष संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । प्रगति विद्यालय मूरूरु और सरस्वती विद्याकेंद्र के छात्रों से चलाए सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगो के दिल चुरा लिया।

 

लगभग तीन हजा़रों से अधिक लोग भाग लिए थे।
गोशाला के समग्र चित्रण को गोशाला के अध्यक्ष श्री मुरलीधर प्रभु ने बताया। कोशाध्यक्ष श्री सुब्राय भट्ट ने गोशाला की प्रगति के बारे में कहा। श्री अरुण हेगडे ने कार्यक्रम का निर्वहण किया। श्री एम.के. हेगडे ने कृतज्ञता ज्ञापन की।

 

मंडल अध्यक्ष श्री मंजुनाथ भट्ट सुवर्णगद्दे, अंकोला गोपरिवार के अध्यक्ष श्री नित्यानंद नायक, होन्नावर के श्री योगीश रायकर, डा. जि. जि . हेगडे आदि प्रमुख उपस्तिथ थे।

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