एक दिन तिम्म कार में प्रयाण करने चला । कार को बाजु में खड़े करके अपने काम पर निकला । काम होने के बाद वापस आते समय ज़ोर से बारिश होने लगता हैं । तिम्म एक पेड़ के नीचे खड़ा होता हैं । तिम्म के पास छाता और रेनकोट दोनों है लेकिन गाड़ी में है और ताला लगा है । बिना ताला खोलें वो दोनों नहीं ले सकता है । जोरदार बारिश के कारण तिम्म गाड़ी के पास नहीं जा सकता है ।
हमारे जीवन भी कुछ ऐसा ही है, भगवान हमें सब कुछ दिया है, हर परिस्थिति को निभाने का सामर्थ्य हम में ही हैं । लेकिन उसका हमें पहचान नहीं है। हमारे अंतस्सत्व को हमारे भीतर की दृष्टि से नहीं देखें तो हमें उसका पता नहीं चलेगा । अंतरात्मा की ताला खोलें बिना हमें ज्ञान नहीं मिलता हैं ।
अनुवादक : प्रमोद मोहन हेगड़े