गिरिनगर: श्रीरामचंद्रापुर मठके जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती महास्वामीजी अपने चातुर्मास्य व्रत के लिए जुलाई 16 से सितंबर 14 के बीच गिरिनगर के श्री रामाश्रम में रहेंगे।
श्रीसंस्थान जी के द्वारा सन्यास स्वीकार कर 25 वर्ष पूर्ण हुए और इस बार वे 26वें चातुर्मास्य का आचरण कर रहे हैं। इस चतुर्मास्य को रामायण चतुर्मास्य के रूप में घोषित किया गया है। इस बार चातुर्मास्य के बीच में रामायण धारा नहीं बल्कि रामायण धारा के बीच में चातुर्मास्य है!
चतुर्मास्य में प्रत्येक व्यक्ति विविध रूप में सहभागी होते हुए विश्व विद्यापीठ की स्थापना में कारणीभूत बने ऐसी अपेक्षा है। इस अवसर पर श्रीमुख वार्ता पोर्टल अपने पाठकों के लिए एक नई कल्पना लेकर आ रहा है। रामायण चतुर्मास्य के विषय पर चित्रकला स्पर्धा आयोजित किया गया है।
चित्र का चयन विशेष रेफरी द्वारा किया जाएगा और उनका निर्णय अंतिम होगा। प्रत्येक श्रेणी से विजेताओं को चुनकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
चित्रकारों के ध्यान के लिए:
आपकी अपनी कल्पना को A4 शीट पर चित्रित करें।
रंग चित्र, काले और सफेद, बिंदीदार चित्रों को स्वीकारा जाएगा।
चित्रों को 15 जुलाई शाम 6:00 बजे के भीतर जमा करें।
चित्रों को स्कैन करके ईमेल के द्वारा भेजें।
ई-मेल विषय में सक्ति से अनुभाग दर्ज करें:
12 वर्ष से कम – बाल विभाग
13 से 18 के बीच – प्रौढ़ विभाग
19 के ऊपर – युवा विभाग
संपर्क और प्रकाशित करें:
srimukhanews@gmail.comपर चित्रों को भेजा जा सकता है।
https://srimukha.srisamsthana.org/ पर विजेताओं के बारे में जाना जा सकता है।