बेंगलूर- चलनेवाले भगवान के नाम से प्रसिद्ध, त्रिविध दासोह से लाखों विद्यार्थियों तथा समाज के प्रकाशक एक सौ ग्यारह (१११) साल की लम्बी जिंदगी बिताये हुए महापुरुष श्री सिद्धगंगा मठ के डॉ. श्री शिवकुमार स्वामी जी आज स्वर्गीय होने से संपूर्ण राज्य शोकसागर में निमग्न है ।
इस संदर्भ में बेंगलूर के गिरिनगर के श्री रामचन्द्रापुर मठ में श्री शिवकुमार स्वामीजी के सत्कार्य एवं आदर्शों को याद करके रामतारक एवं शिवपंचाक्षरी जप के साथ पुष्पार्चन कर मौन श्रद्धांजलि समर्पित की गयी ।
विद्वान जगदीश शर्मा, डॉ. शारदा जयगोविंद और डॉ. वाय. वी. कृष्णमूर्ति जी ने बात करते हुए श्री शिवकुमार स्वामी जी के सामाजिक कार्यों तथा उनके जीवन का स्मरण किया ।
त्रिविध दासोह से समाज के मार्गज्योति बने स्वामी जी को श्री क्षेत्र गोकर्ण की तरफ से श्री संस्थानाधीश्वर जी द्वारा दी गयी सार्वभौम प्रशस्ति एवं अभयाक्षर में किये गये हस्तक्षर का भी स्मरण किया गया ।
गोहत्या निषेध के निमित्त किये अभयाक्षर का संग्रह कल सरकार में जमा करने का कार्यक्रम था, पर स्वामी जी का देहांत होने के कारण वह अग्रसारित किया गया ।
श्री कृष्णप्रसाद एडप्पाडि, श्री यु. एस. जी. भट, राघवसेना के श्री आर. के. भट, श्री शिवराम भट पोन्नुर्कजे, श्री श्याम कुमार, श्री मंजप्प गुंडि, श्री गणेश जे. एल., अभयाक्षर कार्यकर्ता और शिष्यभक्त उपस्थित थे ।