श्रीभारती विद्या संस्थान संस्कृति का मंदिर है; श्री रामचंद्र भट्ट माणिप्पाडि

शिक्षण

नंतूर: श्रीभारती पदवी कॉलेज का सांस्कृतिक संघ द्वारा १६ मार्च को मैंगलोर के नंतूरस्थ श्रीभारती ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के शंकरश्री सभाभवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
वकील और नोटरी अधिकारी श्री रामचंद्र भट्ट मणिप्पाडि जी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि श्रीभारती विद्या संस्थान एक सांस्कृतिक मंदिर है तथा विद्यादेगुलु में संस्कृति के साथ छात्रों को अच्छी शिक्षा उत्तम नागरिक बनाने में मददगार है ।

 

श्रीभारती कॉलेज ऑफ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य, डॉ. ईश्वरप्रसाद ए. बोलते हुए कहे कि प्राचीनों ने वैदिक काल के दौरान संस्कारयुत शिक्षा पर जोर दिया था । उन्होंने आशा व्यक्त की कि छात्रों की संस्कृति के अस्तित्व का सबक अद्भुत होगा।
श्रीराम प्रथम श्रेणी महाविद्यालय की व्याख्यात्री श्रीमती सुकन्या सी. बोली कि, कोई भी भारत की स्वदेशी संस्कृति और संस्कृति के प्रति उदासीन नहीं है। हमारे सभी समारोहों के वैज्ञानिक कारण हैं। उन्होंने कहा कि एक अच्छा व्यक्तित्व तब बनता है जब छात्र का जीवन संस्कृति पर जोर देता है।

 

नम्म कुडला चैनल न्यूज़ रीडर श्रीमती प्रिया हरीश शेट्टी ने कहा, “संस्कृति के साथ जीवन में अनुशासन के रूप में सफलता संभव है। अनुशासन और धैर्य प्रक्रिया का हिस्सा है। संस्कृति उत्सव एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए । कल्चरल एसोसिएशन के संयोजक श्री प्रवीण पी. ने प्रस्ताविक प्रस्तुत किया। छात्र नेत्री कु. जाह्नवी ने स्वागत किया। छात्र कु. अंकिता एन. ने धन्यवाद समर्पण किया। छात्र श्री वेंकटेश ने कार्यक्रम का निरूपण किया ।

 

स्वामी विवेकानंद जी के भवचित्र को अतिथियों और छात्रों ने पुष्पार्चन किया । अतिथि अभ्यागतों का स्वागत पूर्णकुंभ, चेंडावादन, हल्दी-कुंकुम और फूलों द्वारा किया गया। छात्रों और व्याख्याताओं सभी ने पारंपरिक पोशाक का जश्न मनाया । सेलपि कॉर्नर ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। बाद में, लड़कियों द्वारा मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

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