एक नदी बहती रही तो वह पावन होती हैं । वैसे ही एक संत शहर शहर चलने से शहर ही पावन होता है ।
एक शहर, वहां एक बच्चा बिमार होता है । कोई भी दवा उसपे काम नहीं कर रही थी । तब उस शहर के लोगो ने एक संत को वहां बुलाया । बहुत से लोग संत के आशीर्वाद लेने चले आते हैं । बिमार बच्चे की माता पिता भी उस बच्चे को लेकर आते हैं ।
तब संत ने एक मंत्र सिखा के कहा-
“हर दिन इस मंत्र का जप करें, कुछ ही दिनों में बच्चा ठीक हो जाएगा।”
उन लोगों में से एक व्यक्ति ने गुरु के पास आकर-
“किसी वैद्य से, कोई दवा से ठीक नहीं हुआ तो आपके एक मंत्र से क्या सच में बिमारी ठीक होगा?”
संत ने कहा-
“मूर्ख! निकल जाओ यहां से।”
तब उस व्यक्ति गुस्से में लाल होकर उस संत पर हाथ उठाने चला। तब संत ने शांति से कहा-
“देखा, सिर्फ दो शब्दों से तुम्हारे अंदर इतनी बदलाव लाया तो क्या मंत्र से बिमारी ठीक नहीं हो सकता है?”
हां! एक बात बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है । लक्ष्मी – सरस्वती जीभ में रहते हैं । इसीलिए हमें सोच समझकर बात करना चाहिए । अच्छे बात करने से कोई बुरा बिल्कुल नहीं होगा, इसलिए हमें हमेशा अच्छा ही कहना चाहिए ।
अनुवादक : प्रमोद मोहन हेगड़े