ज्ञान मालिका : प्रेम अमर है – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक वन विभाग में दो तितलिया एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे । उन दिनों में से कौन ज्यादा प्यार करते हैं ये जानने के लिए एक प्रतियोगिता रख कर एक परीक्षा के मूलक समझने की निर्धार किया ‌। परीक्षा ये थी कि जो भी अगले दिन एक फूल के ऊपर फूल खिलने से […]

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ज्ञान मालिका : अच्छी बातें – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक नदी बहती रही तो वह पावन होती हैं । वैसे ही एक संत शहर शहर चलने से शहर ही पावन होता है ।   एक शहर, वहां एक बच्चा बिमार होता है । कोई भी दवा उसपे काम नहीं कर रही थी । तब उस शहर के लोगो ने एक संत को वहां बुलाया […]

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ज्ञान मालिका : नाम शाश्र्वत नहीं है – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

कुछ लोग पैसों के लिए, कुछ स्त्रीयों के लिए, और कुछ नाम के लिए गलत काम भी करते हैं । इसके लिए यह कहानी ही साक्षि है । एक राज्य में एक राजा था ‌। उसे नाम कमाने का महत्त्वाकांक्षी हुआ । अपने आस्थान के सभी विद्वानों को इकट्ठा किया और पूछा- “बहुत बड़ा नाम […]

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ज्ञान मालिका : गिलास को नीचे रखें – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक कालेज, वहां के प्रोफ़ेसर ने गिलास भर के पानी लाकर विद्यार्थियों से कहा- “इस गिलास में पानी के भार कितना होगा?” कुछ ने कहा १०० ग्राम् , कुछ १५०, और कुछ २०० ग्राम् कहा ।   प्रोफ़ेसर ने पूछा- “जो कम भार है, उस गिलास को अगर दिन भर के लिए उठाके रखें तो […]

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ज्ञान मालिका : भगवान क्या करता है? – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक राज्य में एक महान दैव भक्त राजा था । वह हर दिन दैवी कार्यों को बहुत निष्ठा से करता था । लेकिन पुजा करते समय उसे तीन प्रश्न मन में आते थे । वे : १. क्या सच में भगवान हैं? अगर है तो कहां है ? २. क्या मैं उन्हे देख सकता हूं […]

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ज्ञान मालिका : जहां प्रेम है वहां दर्द भी होता है – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

वह एक युवक एक युवती से प्रेम करता था । उसके बिना कोई जीवन ही नहीं, ऐसा वह समझता था । लेकिन युवक की प्रेम को तिरस्कार कर के युवती ने किसी और को चाह रही थी। वह व्यक्ति उस युवती नहीं किसी और को चाह रहा था । ऐसा हुआ कि प्रेम से हर […]

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ज्ञान मालिका : एकता से जिएं – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

हिमगिरि था ‌। वहां कुछ शल्यक रहते थे । एक बार जोर से ठंडी हवा चलने लगती है । उस ठंडी हवा से कैसे बचें, ये निर्णय करने के लिए सारे शल्यक एक जगह पर मिलें । उस समालोचन में ये तय हुआ कि अगर सारे शल्यक एक दूसरे के साथ चिपक कर रहे तो […]

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ज्ञान मालिका : प्रपंच के चमत्कार – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

वह एक भूगोल शास्त्र के कक्षा । एक दिन अध्यापक ने छात्रों से पूछा ” प्रपंच के सात अद्भुत की सूची बनाएं ” सभी छात्रों ने जल्दी ही पिरामिड, चिना के महा दीवार, ताज महल, और कुछ लिख कर अध्यापक को दिखाया ।   लेकिन एक छोटी बालिका सिर्फ खाली कागज़ दिया। अध्यापक आश्चर्य से […]

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ज्ञान मालिका : दूर का पर्वत – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक छोटा सा पहाड़, उस पर एक छोटा सा घर, उस घर में छोटे छोटे दरवाज़े और खिड़कियां । वहां रहतीं थीं एक छोटी लड़की । वह हर दिन खिड़की से बाहर की प्रपंच को देखती थी । उसे सामने वाले पहाड़ पर भी एक छोटा सा घर नज़र आईं । वो घर सोने की […]

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ज्ञान मालिका : हमें कितना जरूरत है? – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक जगह में एक कंजूस था। उसके पास बहुत पैसा और दौलत थी मगर और पैसे चाहता था।   एक दिन उस ने शहर के राजा से, “मुझे कुछ दौलत दीजिए” ऐसा बिनती की। राजा ने एक बार उसकी अवलोकन किया और कहा, “कल, सूर्योदय के समय यहाँ आओ; यहाँ से कितने दूर हो सकें […]

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