ज्ञान मालिका : गुरु के महत्व – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक शहर में एक युवक को जूडो सीखने की इच्छा होती है । वह गुरु को ढूंढते चल पड़ा ‌। जूडो सिखाने को एक गुरु उसे मिल गया । लेकिन उस युवक को एक हाथ नहीं होने की कारण गुरु ने उसे सिर्फ एक ही हाथ से खेलने का पाठ सिखाया ‌और हर दिन अभ्यास […]

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ज्ञान मालिका : कितने ऐश्वर्य रखें? – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

  एक शहर में धनदत्त और देवदत्त नाम के दो आदमी आजू-बाजू के घर में रहते थें। धनदत्त नाम के अनुसार बहुत ऐश्र्वर्य था उसके पास। देवदत्त के हर दिन की खर्च करने के लिए जितना चाहिए सिर्फ उतना पैसा था।   धनदत्त को रात में भय से नींद नहीं आती थी। किसी भी समय […]

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ज्ञान मालिका : हमें रहना है; रह कर जीतना है – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक जगह के एक झील में दो मेंढक थें । एक मोटा था, दूसरा पतला था । वे मेंढक एक दिन कूदते हुए एक घर के रसोईघर में जाकर एक बड़ा सा दही के बर्तन में गिर गएं । बहुत कोशिश की लेकिन ऊपर नहीं आ पाएं ।   मोटा मेंढक ने पतले वाले से […]

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ज्ञान मालिका : ताला खोलना हैं – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक दिन तिम्म कार में प्रयाण करने चला । कार को बाजु में खड़े करके अपने काम पर निकला । काम होने के बाद वापस आते समय ज़ोर से बारिश होने लगता हैं । तिम्म एक पेड़ के नीचे खड़ा होता हैं । तिम्म के पास छाता और रेनकोट दोनों है लेकिन गाड़ी में है […]

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ज्ञान मालिका : लकड़हारा की कहानी – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक गांव में एक लकड़हारा था । उसने एक बार लकड़ी का व्यापारी के पास काम पर चला । वह बहुत बलिष्ठ था इसीलिए जोश में लकड़ी तोड़ना शुरू किया । पहली दिन उसने १८ पेड़ों को काटा । दूसरी दिन और ज़ोर लगाया लेकिन सिर्फ १५ पेड़ों को काटा । तीसरी दिन १२, चौथा […]

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ज्ञान मालिका : विश्वास में श्वास है – जगद्गुरुशंकराचार्य श्रीश्री राघवेश्वरभारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

पिता अपने २५ उम्र बेटे के साथ रेल में जा रहा था। सामने अभी अभी शादी हुई एक जोडी बैठि थी। रेल चल रही थी।   कुछ देर बाद युवक खिड़की से बाहर देखते पिता से कहा, “पेड़ों को देखो, सभी दौड़ रहें हैं |” कुछ दूर चलते ही युवक ने हर वस्तुओं को देखते […]

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ज्ञान मालिका : आचार ही आदर्श है – जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

हमारे आचार आदर्श दायक होना चाहिए। एक छोटा बच्चा अपनी मां से पूछा, “क्यूं तुम्हारे कुछ बाल सफेद हुए है ?” मां ने सोच कर बच्चे से कहा, “जब भी तुम कोई गलती करते हों तब एक एक बाल सफेद होता है|” तब उस बच्चे ने बडी़ ही भोलापन से पुछा “नानी के सभी बाल […]

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ज्ञान मालिका : प्रेम का महत्व – जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक युवक एक युवती से बहुत प्यार करता था। उसकी पागलपन देखकर दोस्तों और रिश्तेदारों घबरा गए थे कि अगर उसका प्यार टुक्रा गया तो क्या होगा। लेकिन वह युवती से एक बार भी उसने अपने प्यार की बात कभी बताया नहीं था। फिर भी उसे मालूम थी उसके प्यार की विषय।   एक बार […]

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ज्ञान मालिका : विश्वास में श्वास है – जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

एक बार एक व्यक्ति ने एक बड़ा पर्वत चढ़ने निकला। और लोग उसके साथ चढ़ रहें थे लेकिन उस व्यक्ति सबसे पहले ऊपर जाना चाहता था, इसीलिए तेजी से आगे बढ़ रहा था। ऊपर का मौसम अलग था। पूरा हिमपात से रास्ता नज़र नहीं आ रहा था ‌। सांस लेना भी मुश्किल था उदर। व्यक्ति […]

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ज्ञान मालिका : स्वप्रयत्न और दैवी कृपा – जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती महास्वामीजी द्वारा दिये हुए प्रवचन मालिका

अकबर और बीरबल एक बार जंगल में जा रहे थे। कितना भी दूर जाएं कोई नगर कोई भी घर नहीं मिला। उन्हें बहुत भूख और प्यास लगी थी। तब बीरबल ने एक पेड़ के नीचे बैठ कर “राम! राम!” ऐसे राम जप करने लगा। अकबर ने कहा “जप करने से हमें खाना नहीं मिलेगा”, और […]

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